सबको किसी न किसी तरह का संगीत सुनना पसंद होता है। संगीत हमारे जीवन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। बहुत से लोग सुबह उठके भजन सुनना पसंद करते हैं तो कुछ लोग व्यायाम करते समय संगीत सुनते हैं। और जब हम ट्रेफिक में फंस जाते हैं तब संगीत ही हमारा मन बहलाता है और उस कठिन समय को बिताने में मदद करता है।
संगीत आप खाना पकाते समय, नहाते समय या कपड़े धोते समय भी सुन सकते हैं। संगीत के साथ हर काम आसान लगने लगता है।
संगीत का असर हमारे विचारों और मनोदशा पर भी पड़ता है। जैसे डांस करते समय हम फास्ट गाने सुनते हैं और जब मन उदास या शांत होता है तब हमे स्लो गाने पसंद आते हैं। क्योंकि संगीत किसी व्यक्ति की मानसिकता और स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है, विभिन्न स्वास्थ्य अवस्थाओं के प्रबंधन के लिए अब संगीत चिकित्सा पर अध्ययन किया जा रहा है।
संगीत का क्या असर होता है?
अध्ययन से पता चला है कि जब धीमी गति से संगीत बजाया जाता है, तो यह हृदय की धड़कन और रक्तचाप को धीमा कर देता है, जिसकी वजह से साँस धीरे हो जाती है और आखिर में मांसपेशियों को आराम मिलता है। संगीत से चिकित्सा और ऑपरेशन के रोगियों, गंभीर बीमारी से ग्रसित मरीजों, बच्चों और बड़ों सबमें चिंता का स्तर कम हो जाता है और मूड में सुधार आता है।
संगीत पर आयोजित अध्ययन
संगीत उन बच्चों के विकास में मदद करता है जिनको विकासात्मक विलंब की शिकायत होती है: एक अध्ययन से पता चला था की जिन बच्चों को विकासात्मक विलंब की परेशानी थी, संगीत की मदद से उनका विकास बेहतर हुआ था। संगीत से उनके सीखने और सुनने की क्षमता में लाभ होता है।
संगीत से तनाव कम होता है: 2001 में के ऐलेन ने ऐसे रोगियों पर अध्ययन किया जिनका ऑपरेशन होने वाला था। वो देखना चाहते थे की संगीत का असर रोगियों के मानसिक तनाव पर होता है की नहीं। परिणाम से पता चला कि प्रयोगात्मक समूह के व्यक्तियों ने नियंत्रण समूह के सदस्यों की तुलना में सर्जरी से पहले कम रक्तचाप का अनुभव किया, और तनाव और दर्द का स्तर भी कम था।
संगीत से निराशा कम होती है:
पुराने वयस्कों की मानसिकता पर संगीत के प्रभाव पर एक अध्ययन द्वारा हैन्सर (1994) ने बताया कि संगीत निराशा को काफी कम कर सकता है। इस अध्ययन में, विभिन्न राज्यों के अवसादों से पीड़ित वृद्ध रोगियों को 3 समूहों में विभाजित किया गया था। पहले समूह के पास संगीत चिकित्सक नियमित रूप से जाता था; जबकि दूसरे समूह ने फोन पर संगीत चिकित्सक हस्तक्षेप प्राप्त किया और तीसरा नियंत्रण समूह था, जिसको संगीत चिकित्सक की कोई मदद नहीं मिली। जो समूह संगीत हस्तक्षेप के लिए पेश किया गया था, वे निराशा के लिए मानकीकृत परीक्षणों पर बेहतर प्रदर्शन कर पाए।
नसों को देता है आराम
काम का बोझ हमें बुरी तरह तोड़कर रख देता है। किसी काम के लिए वक्त ही नहीं बचता। संगीत थेरेपी काम के तले दबे लोगों के लिए बेहद कारगर साबित हो रही है। डॉक्टर भी मानते हैं कि कई बार जो काम दवायें नहीं कर पातीं, वह काम संगीत कर देता है। म्यूजिक थेरेपी से शारीरिक और भावनात्मक रूप से स्वस्थ रहा जा सकता है। संगीत सुनने के दौरान नसें आराम की स्थिति में चली जाती हैा और हम राहत महसूस करते हैं। आपकी उम्र चाहे जो हो, संगीत हमें स्वस्थ रहने में मदद करता है।
जरा ध्यान दें
*गर्दन और कंधे की मासपेशियां अकड़ जाती हैं। मधुर व कर्णप्रिय संगीत सुनने से मांसपेशियों को राहत मिलती है।
*मधुर संगीत सुनें। अगर संगीत आपकी पसंद का नहीं है, तो इससे आपका तनाव बढ़ सकता है। साथ ही गाने की आवाज भी सामान्य से अधिक न करें, क्योंकि इससे भी आपका तनाव बढ़ सकता है।
*अगर आप बहुत तनाव भरा काम करते हैं तो आपके लिए ज्यादा बीट्स वाला संगीत अच्छा रहेगा। यह आपके तनाव को दूर करने में मदद करता है।
*जिन लोगों को नींद आने में परेशानी होती है, तो एक मधुर गीत उनके लिए जादुई काम कर सकता है। शरीर में मौजूद ट्राइटोफन नामक कैमिकल संगीत के माध्यम से अवसाद को दूर करते हैं। इससे आपकी नींद बेहतर हो जाती है।
*सकारात्मकता बढ़ाने में भी संगीत को उपयोगी माना जाता है।
*मांसपेशियों को राहत पहुंचाने में भी मददगार होता है संगीत।
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